20+ ऋषिकेश में घूमने की जगह, रुकने की जगह और टूरिस्ट प्लेस

Table of Contents

उत्तराखंड में स्थित योग नगरी ऋषिकेश एक बेहद ही प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो कि अपने तप, योग और अध्यात्म के लिए विश्व भर में जाना जाता है। इसके अलावा मनोरंजन और एडवेंचर प्रेमी भी ऋषिकेश की तरफ काफी आकर्षित होते हैं। यहां आपको एडवेंचर के तौर पर कैंपिंग, रिवर राफ्टिंग, बंजी जंपिंग, क्लिफ जंपिंग, इत्यादि एक्टिविटीज मिल जाएंगी जो कि आपकी ऋषिकेश यात्रा को ढेर सारे एडवेंचर और मनोरंजन से भर देगी। ऋषिकेश उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से लगभग 43 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और ऋषिकेश को ही गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ का प्रवेश द्वार माना जाता है।

ऋषिकेश में मुख्य आकर्षण है, निरंतर बहती हुई गंगा नदी जिसमें स्नान करने मात्र से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऋषिकेश का परमार्थ निकेतन आश्रम और त्रिवेणी घाट गंगा आरती के लिए बेहद प्रसिद्ध है जहां प्रतिदिन सुबह-शाम मां गंगा की आरती होती है और गंगा जी की आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को मन की शांति और मां गंगा का आशीर्वाद मिलता है।

यदि आप ऋषिकेश जाने का विचार कर रहे हैं तो निश्चित रूप से आप ऋषिकेश में घूमने वाली जगह के बारे में जानना चाहते होंगे। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको ऋषिकेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल और टूरिस्ट प्लेस के बारे में जानकारी देंगे ताकि आपकी ऋषिकेश यात्रा सफल रहे।

rishikesh me ghumne ki jagah

ऋषिकेश से जुड़े रोचक तथ्य

#1. पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि रैभ्य नाम के ऋषि ने इस जगह पर कठोर तप करके भगवान विष्णु को प्रसन्न किया था और फिर भगवान विष्णु ने उन्हें ऋषिकेश के रूप में दर्शन दिए इसके बाद इस जगह का नाम ऋषिकेश पड़ गया।

#2. गंगा नदी के तट पर स्थित त्रिवेणी घाट को ऋषिकेश का सबसे बड़ा घाट माना जाता है जहां पर गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है। त्रिवेणी घाट पर शाम के समय होने वाली महाआरती में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है जो कि इस घाट को और भी भव्य बनाती है। त्रिवेणी घाट का उल्लेख महाभारत और रामायण में भी मिलता है।

#3. पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा भी माना जाता है कि समुद्र मंथन के समय निकले हुए विष को भगवान शिव ने इसी जगह पर अपने कंठ में धारण किया था। इसके अलावा ऋषिकेश को गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ का प्रवेश द्वार भी माना जाता है।

#4. ऋषिकेश एक धार्मिक स्थल होने के कारण यहां पर सार्वजनिक स्थानों पर शराब और मांसाहारी भोजन का सेवन पूरी तरह से वर्जित है।

ऋषिकेश में घूमने की जगह और टूरिस्ट प्लेस | Rishikesh me Ghumne Ki Jagah

1. राम झूला

rishikesh me ghumne ki jagah

योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर गंगा नदी पर बना यह लोहे का पुल ऋषिकेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है जहां प्रतिदिन भारी मात्रा में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भीड़ उमड़ी रहती है। राम झूला के एक तरफ टिहरी गढ़वाल और दूसरी तरफ पौड़ी गढ़वाल जिला लगता है जिस वजह से यह झूला इन दोनों जिलों को जोड़ने का भी काम करता है और प्रतिदिन इस झूले की सहायता से लोग एक तरफ से दूसरी तरफ आते जाते रहते हैं।

राम झूला और लक्ष्मण झूला ऋषिकेश के सर्वाधिक पहचाने जाने वाले चिन्हों में से एक हैं। राम झूला को पैदल पार करते वक्त जब आप झूले के बीच में रुक कर गंगा नदी को देखेंगे तब आपको ऐसा महसूस होगा जैसे आप झूला झूल रहे हैं और तेज ठंडी हवाओं से आपका मन आनंद से भर जाएगा।

2. लक्ष्मण झूला

rishikesh me ghumne ki jagah

राम झूला से 2 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्मण झूला स्थित है जो की राम झूला की तरह ही गंगा नदी पर बना हुआ लोहे का पुल है। लक्ष्मण झूला भी टिहरी गढ़वाल के तपोवन और पौड़ी गढ़वाल के जोंक क्षेत्र को जोड़ता है। 450 फीट लंबा यह पुल गंगा नदी से लगभग 70 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ है जिसके ऊपर खड़े होकर पर्यटकों को गंगा नदी और आसपास के प्राकृतिक दृश्यों का अद्भुत अनुभव होता है।

ऐसा माना जाता है कि पौराणिक काल में भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण जी ने इसी स्थान पर जूट की रस्सियों के सहारे गंगा नदी को पार किया था जहां बाद में लोहे का मजबूत पुल बनाया गया। हालांकि कई साल बीतने के बाद यह लोहे का पुल भी काफी कमजोर हो गया और वर्तमान समय में इस लोहे के पुल की जगह देश का पहला कांच का पुल बनाया जा रहा है फिलहाल कार्य प्रगति पर है और पर्यटकों के लिए लक्ष्मण झूला अभी बंद है।

3. जानकी सेतु

rishikesh me ghumne ki jagah

राम झूला से लगभग 1 किलोमीटर पहले जानकी सेतु पड़ता है जो कि कुछ साल पहले ही बनकर तैयार हुआ है। यदि आप ऋषिकेश जाते हैं तो शाम के समय आपको जानकी सेतु के आसपास काफी सारे पर्यटक समय बिताते हुए और वहां के वातावरण का आनंद लेते हुए मिल जाएंगे। राम झूला घूमने के बाद जब आप परमार्थ निकेतन आश्रम होते हुए आगे की ओर बढ़ेंगे, तब आप कुछ दूर चलने के बाद जानकी झूला पहुंच जाएंगे, जहां आपको काफी सारे लोग सेल्फी फोटोस क्लिक करते हुए मिल जाएंगे।

जानकी झूला पार करने के बाद दूसरी तरफ गंगा किनारे मरीन लाइन पर जब आप बैठेंगे तो आपको सामने की तरफ परमार्थ निकेतन आश्रम में होती हुई गंगा आरती, राम झूला व जानकी झूला की खूबसूरत लाइटिंग और अपनी आंखों के सामने मां गंगा नदी के खूबसूरत दृश्य को देखकर आपका मन मंत्रमुग्ध हो जाएगा और आपको अत्यंत शांति और सुकून की अनुभूति होगी।

4. स्वर्ग आश्रम

योग नगरी ऋषिकेश में आश्रमों का काफी महत्व है और स्वर्ग आश्रम ऋषिकेश के बेहद प्रसिद्ध आश्रमों में से एक है जहां भारी मात्रा में पर्यटक घूमने आते हैं। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से लगभग 4 से 5 किलोमीटर की दूरी पर राम झूला से पहले स्वर्ग आश्रम पड़ता है जहां तक पहुंचने के लिए आपको रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से बैटरी रिक्शा या ऑटो इत्यादि मिल जाएंगे। यदि आप योग सिखने के इच्छुक हैं तो इस आश्रम में आप योग और आध्यात्मिक कोर्सेज कर सकते हैं साथ ही साथ यहां पर पर्यटकों के रुकने की भी अच्छी व्यवस्था है।

5. परमार्थ निकेतन आश्रम

rishikesh me ghumne ki jagah

परमार्थ निकेतन आश्रम ऋषिकेश का सबसे महत्वपूर्ण आश्रम माना जाता है जो कि योगा और अध्यात्म के लिए पूरी तरह से समर्पित है। यदि आप ऋषिकेश घूमने जा रहे हैं तो परमार्थ निकेतन आश्रम के ठीक सामने भगवान शिव जी की विशाल प्रतिमा के दर्शन करने ना भूलें। साथ ही साथ यहां पर शाम के समय होने वाली गंगा आरती बेहद प्रसिद्ध है जिसमें शामिल होकर आपको काफी अच्छा लगेगा। परमार्थ निकेतन आश्रम में कई कमरे भी हैं जो कि आप ठहरने के लिए किराए पर ले सकते हैं।

6. नीलकंठ महादेव मंदिर

rishikesh me ghumne ki jagah

ऋषिकेश बस स्टैंड से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, नीलकंठ महादेव मंदिर भगवान शिव जी को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है जहां प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव मंदिर तक जाने का रास्ता खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों से होकर गुजरता है जो कि श्रद्धालुओं के मन को और ज्यादा आनंद से भर देता है। आज जिस जगह पर नीलकंठ महादेव मंदिर बना हुआ है उसी स्थान पर समुद्र मंथन के समय निकले हुए विष को भगवान शिव जी ने अपने कंठ में धारण किया था जिस वजह से आज वहां पर भगवान नीलकंठ महादेव का मंदिर है।

यह मंदिर सनातन धर्म में आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहद ही पवित्र, प्रमुख और प्राचीन मंदिर है जहां पर प्रतिदिन काफी मात्रा में भक्तगण अपनी मन्नतें मांगने आते हैं और नीलकंठ महादेव के दर्शन करते हैं। मंदिर के पास एक खूबसूरत झरना भी है जहां पर भक्त स्नान करते हैं और स्नान करने के बाद मंदिर में पूजा करने जाते हैं।

7. त्रिवेणी घाट

rishikesh me ghumne ki jagah

त्रिवेणी घाट ऋषिकेश का सबसे बड़ा घाट होने की वजह से ऋषिकेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में आता है जहां पर प्रतिवर्ष भारी मात्रा में श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करने आते हैं और मां गंगा से अपने खुशहाल जीवन की कामना करते हैं। इसी जगह पर सनातन धर्म की तीन पवित्र गंगा, सरस्वती और यमुना नदियों का संगम होता है जिस वजह से इस घाट की महत्वता और भी अधिक बढ़ जाती है।

त्रिवेणी घाट के एक तरफ आपको भगवान शिव जी की जटाओं से निकलती हुई गंगा नदी की खूबसूरत प्रतिमा मिलेगी और दूसरी तरफ अर्जुन को गीता का ज्ञान देते हुए भगवान श्री कृष्ण की विशाल मूर्ति है और एक तरफ मां गंगा का मंदिर है। इसके अलावा शाम के समय त्रिवेणी घाट पर होने वाली भव्य आरती बेहद प्रसिद्ध है और यदि आप ऋषिकेश यात्रा पर आ रहे हैं तो त्रिवेणी घाट की इस भव्य आरती में शामिल होकर यहां के अद्भुत दृश्य का अनुभव जरूर करें।

8. वशिष्ट गुफा

ऋषि वशिष्ठ द्वारा तलाशी गई यह पवित्र गुफा ऋषिकेश बस स्टैंड से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो कि ध्यान और साधनाओं के लिए एक प्रमुख और सिद्ध जगह मानी जाता है। वशिष्ट गुफा वह जगह है जहां पर कई ऋषियों ने ध्यान लगाकर सिद्धियां अर्जित की हैं जिस वजह से साधु संत आज भी इस गुफा को बेहद पवित्र स्थान मानते हैं। गूलर के पेड़ों के बीच स्थित इस गुफा के पास में ही एक शिवजी का मंदिर है जहां पर प्रत्येक वर्ष काफी सारे श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

9. ऋषि कुंड

त्रिवेणी घाट से कुछ दूर की पैदल दूरी पर ऋषि कुंड स्थित है जो कि एक गर्म पानी का प्राकृतिक तालाब है। ऐसा माना जाता है कि यमुना नदी के आशीर्वाद से एक ऋषि ने इस कुंड को जल से भरा था। इसके अलावा ऐसी भी मान्यता है कि वनवास काल के दौरान भगवान श्रीराम ने इस कुंड में स्नान किया था और ऋषि कुंड के पास में ही रघुनाथ मंदिर स्थित है जिसके गर्भ ग्रह में भगवान श्री राम और माता सीता की सुंदर प्रतिमा स्थापित की गई है। तो त्रिवेणी घाट के बाद आप भगवान श्री राम और माता सीता को समर्पित इस मंदिर के दर्शन करने अवश्य जाएं।

10. त्रयंबकेश्वर महादेव मंदिर या तेरह मंजिल मंदिर

rishikesh me ghumne ki jagah

त्रंबकेश्वर महादेव मंदिर ऋषिकेश के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में आता है जो कि लक्ष्मण झूला के बेहद करीब है। इस मंदिर में कुल 13 मंजिलें हैं और प्रत्येक मंजिल पर अलग-अलग देवी देवताओं के मंदिर बने हुए हैं जिस वजह से इसको तेरह मंजिल मंदिर भी कहा जाता है।

यकीन मानना यदि आप इस मंदिर की 13वीं मंजिल तक घूम लेते हैं तो आपकी ऋषिकेश यात्रा का अनुभव और भी लुभावना हो जाएगा, क्योंकि जैसे-जैसे आप इस मंदिर में ऊपर की तरफ चढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे मंदिर से गंगा नदी और आसपास के खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य और भी लुभावने लगने लगते हैं। तो अपनी ऋषिकेश यात्रा के दौरान त्रंबकेश्वर महादेव मंदिर जरूर जाएं।

11. नीर गढ़ झरना

rishikesh me ghumne ki jagah

यदि आप एक प्रकृति प्रेमी है और ऋषिकेश में खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों और वहां के वातावरण को अनुभव करना चाहते हैं तो निश्चित रूप से आपको नीरगढ़ जाना चाहिए। नीरगढ़ झरना ऋषिकेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है जो की हरे-भरे जंगलों और पहाड़ियों के बीच प्रकृति की गोद में स्थित है जहां पर निरंतर ठंडे पानी की बौछार होती रहती है।

गर्मियों के समय यहां पर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है और यहां घूमने आने वाले पर्यटक झरने के नीचे बैठकर ठंडे-ठंडे पानी से नहा कर अपने आपको तरोताजा महसूस करते हैं। यहां आपको खूबसूरत दृश्य के साथ-साथ तरह-तरह के पक्षियों की आवाज भी सुनने को मिलेगी जो कि आपके मन को सुकून और आनंद से भर देगी। झरने के आसपास कुछ दुकानें भी हैं जहां पर आप चाय नाश्ता लेकर झरने के पास बैठकर कुछ समय इंजॉय कर सकते हैं।

12. राजाजी राष्ट्रीय उद्यान

rishikesh me ghumne ki jagah

यदि आपको जंगल सफारी करना पसंद है और तरह-तरह के जंगली जानवरों को देखकर आपको काफी आनंद आता है तो निश्चित रूप से आपको ऋषिकेश में स्थित राजाजी राष्ट्रीय उद्यान जाना चाहिए जो कि ऋषिकेश के मुख्य पर्यटन स्थलों में आता है। यहां आप कई किलोमीटर लंबी जीप सफारी का मजा उठा सकते हैं जिसके दौरान आपको उद्यान में मौजूद हाथी, शेर, भालू इत्यादि जानवरों को करीब से देखने का मौका मिलेगा। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान ऋषिकेश बस स्टैंड से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर है जहां तक पहुंचने के लिए आपको बस स्टैंड के बाहर से ही ऑटो या टैक्सी इत्यादि मिल जाएंगे।

13. मधुबन आश्रम

मधुबन आश्रम भी ऋषिकेश के प्रमुख आश्रमों में से एक है जहां पर काफी सारे पर्यटक घूमने आते हैं। मधुबन आश्रम का मुख्य आकर्षण यहां का इस्कॉन मंदिर है जिसमें राधा कृष्ण जी की खूबसूरत प्रतिमाएं विराजमान है और यहां आने वाले पर्यटक भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी के खूबसूरत दर्शन पाकर मंत्र मुग्ध हो जाते हैं। मधुबन आश्रम राम झूला से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहां तक आप पैदल भी घूमते घूमते पहुंच सकते हैं।

14. बीटल्स आश्रम ऋषिकेश

बीटल्स आश्रम ऋषिकेश की जानी-मानी जगहों में से एक है जिसको पहले महर्षि महेश योगी आश्रम के नाम से भी जाना जाता था। लेकिन सन 1968 में प्रतिष्ठित अंग्रेजी रॉक बैंड द बीटल्स ने इस आश्रम में योगा और आध्यात्मिक शिक्षा के लिए यहां का दौरा किया जिसके बाद से ही इस आश्रम का नाम बीटल्स आश्रम पड़ गया। राम झूला से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी तय करके आप बीटल्स आश्रम पहुंच जाएंगे जो कि एक चट्टान पर स्थित है।

यहां आपको एक मंदिर, पुस्तकालय, महर्षि योगी का घर, मेडिटेशन की झोपड़ी और रसोई के साथ-साथ आसपास काफी हरियाली, शांत और सुनहरा वातावरण देखने को मिलेगा जिसकी वजह से यहां आने वाले पर्यटकों को अत्यंत शांति और सुकून का अनुभव होता है। बीटल्स आश्रम में भारतीयों को डेढ़ सौ रुपए और विदेशियों को ₹600 की टिकट लेनी होती है।

15. शिवपुरी

rishikesh me ghumne ki jagah

दोस्तों यदि आप एडवेंचर प्रेमी है और अपनी ऋषिकेश की यात्रा को ढेर सारे एडवेंचर और मनोरंजन से भरना चाहते हैं तो आपको ऋषिकेश से लगभग 20-22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शिवपुरी, जो की ऋषिकेश में ही लगता है जरूर जाना चाहिए। शिवपुरी ऋषिकेश की एक छोटी सी जगह है जहां पर एडवेंचर और मनोरंजन का पूरा इंतजाम है और इस जगह पर आप रिवर राफ्टिंग, वॉलीबॉल, कैंपिंग इत्यादि एडवेंचर एक्टिविटीज का आनंद ले सकते हैं।

रिवर राफ्टिंग के अलावा ऋषिकेश की कैंपिंग पूरे भारत में प्रसिद्ध है और यदि आप यहां रात में गंगा किनारे रुक कर कैंपिंग करते हैं तो आपको एक अलग ही यादगार अनुभव मिलेगा। प्राकृतिक सुंदरता और हरे भरे वातावरण से भरपूर इस जगह पर आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ खूब मौज मस्ती कर सकते हैं तो अपनी ऋषिकेश यात्रा के दौरान इस जगह पर जाना ना भूलें।

16. कौड़ियाला

rishikesh me ghumne ki jagah

शिवपुरी की तरह ही कौड़ियाला भी ऋषिकेश आने वाले पर्यटकों के लिए मनोरंजन और एडवेंचर स्पॉट है जहां पर पर्यटकों को रिवर राफ्टिंग और कैंपिंग जैसे यादगार अनुभवों को जीने का मौका मिलता है। इस जगह पर आने वाले पर्यटकों को गोवा के बीच पर होने का एहसास होता है जिस वजह से यह जगह ऋषिकेश लवर्स के बीच काफी प्रसिद्ध है।

17. ऋषिकेश की लोकप्रिय रिवर राफ्टिंग

rishikesh me ghumne ki jagah

जैसा कि हमने पहले भी बताया ऋषिकेश अध्यात्म और योग के अलावा एडवेंचर के लिए भी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और ऋषिकेश की रिवर राफ्टिंग एडवेंचर प्रेमियों के बीच पूरे भारत में प्रसिद्ध है। आप ऋषिकेश आकर मात्र 400 से ₹500 प्रति व्यक्ति खर्च करके यहां के प्राकृतिक सुंदरता से भरे हुए वातावरण के बीच रिवर राफ्टिंग करके अपनी ऋषिकेश यात्रा को ढेर सारे रोमांच से भर सकते हैं।

यदि सच में आप अपनी ऋषिकेश यात्रा को यादगार बनाना चाहते हैं तो आपको ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग जरूर करनी चाहिए, लेकिन याद रहे जुलाई से लेकर अगस्त एंड तक बरसातों के दिनों में ऋषिकेश में गंगा जी का जलस्तर बढ़ जाने के कारण रिवर राफ्टिंग बंद हो जाती है तो आप सही समय देखकर ही ऋषिकेश पहुंचे।

18. बंजी जंपिंग हाइट्स, ऋषिकेश

rishikesh me ghumne ki jagah

रिवर राफ्टिंग और कैंपिंग के अलावा ऋषिकेश बंजी जंपिंग के लिए भी काफी प्रसिद्ध है और जंपिन हाइट्स एक कंपनी का नाम है जो कि ऋषिकेश में रहकर एडवेंचर पसंद लोगों को बंजी जंपिंग करवाती है। बंजी जंपिंग करने के लिए आपको ऋषिकेश बस स्टैंड से लगभग 22 किलोमीटर दूर मोहन चट्टी के क्षेत्र में जाना होगा जहां पर जंपिन हाइट्स है और वहीं पर आपको बंजी जंपिंग करवाई जाएगी।

बहुत से एडवेंचर पसंद लोगों का रिवर राफ्टिंग और कैंपिंग से मन नहीं भरता तो वे लोग बंजी जंपिंग करने के लिए ऋषिकेश आते हैं जिसमें आपको एक लचीली रस्सी से बांधकर हजारों फीट गहरी खाई में धकेल दिया जाता है। जंपिन हाइट्स कंपनी आपके अनुभव को बेहतर करने के साथ-साथ आपकी सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखती है और बंजी जंपिंग करवाते वक्त आपकी बॉडी को अच्छी तरह से सुरक्षित किया जाता है।

बंजी जंपिंग करने के लिए प्रति व्यक्ति ₹3500 का खर्चा आता है जिसमें आपकी कम से कम आयु 12 वर्ष होनी चाहिए और आपका वजन कम से कम 35 किलोग्राम और अधिकतम 120 किलोग्राम होना चाहिए। जंपिंग हाइट्स में आप बंजी जंपिंग के अलावा जायंट स्विंग और फ्लाइंग फॉक्स भी कर सकते हैं।

19. कुंजापुरी मंदिर

मां दुर्गा को समर्पित कुंजापुरी मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है जहां से गंगोत्री, बंदरपंच और चौखंबा सहित बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों के खूबसूरत दृश्य दिखते हैं। इसके साथ ही यह मंदिर सूर्योदय और सूर्यास्त के अद्भुत दृश्य के लिए भी काफी प्रसिद्ध है जिस वजह से कुंजापुरी मंदिर को ऋषिकेश का प्रमुख पर्यटन स्थल माना जाता है।

ऋषिकेश कब जाएं?

वैसे तो पूरे साल में आप कभी भी ऋषिकेश घूमने जा सकते हैं लेकिन जुलाई और अगस्त के महीने में भारी बारिश होने के कारण ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग बंद हो जाती है। तो यदि आप जुलाई-अगस्त में ऋषिकेश जाते हैं तो आप रिवर राफ्टिंग नहीं कर पाएंगे, साथ ही साथ आपको ऋषिकेश घूमने में भी थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

मार्च से लेकर जून तक ऋषिकेश में काफी तेज धूप और गर्मी पड़ती है जिसके कारण आपको गंगा स्नान करने में तो आनंद आएगा, लेकिन आप ऋषिकेश के अन्य पर्यटन स्थलों पर नहीं घूम पाएंगे क्योंकि गर्मी के कारण आपका होटल से बाहर निकलने का मन ही नहीं करेगा।

सितंबर से लेकर फरवरी तक का समय ऋषिकेश घूमने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है क्योंकि इस समय ऋषिकेश का मौसम काफी सुहावना रहता है और आप गंगा नदी में रिवर राफ्टिंग के साथ-साथ ऋषिकेश में कैंपिंग इत्यादि का भी आनंद ले सकते हैं। बढ़िया मौसम होने के कारण आप इन दिनों ऋषिकेश की लगभग सभी घूमने वाली जगहों पर जा सकते हैं। हालांकि दिसंबर और जनवरी के महीनों में आपको अपने साथ गर्म कपड़े लेकर जाने होंगे क्योंकि इन दोनों ऋषिकेश में आपको सर्दी का सामना करना पड़ेगा।

ऋषिकेश कैसे पहुंचे?

दोस्तों ऋषिकेश पहुंचना बेहद आसान है और आप भारत के किसी भी शहर जैसे दिल्ली, मुंबई, बंगलौर, कोलकाता, लखनऊ इत्यादि से रेल, सड़क, और हवाई मार्ग से ऋषिकेश पहुंच सकते हैं।

ट्रेन से ऋषिकेश कैसे जाएं?

रेल मार्ग से ऋषिकेश पहुंचने के लिए आप हरिद्वार या फिर ऋषिकेश रेलवे स्टेशन तक आ सकते हैं। देशभर से हरिद्वार और ऋषिकेश के लिए प्रतिदिन काफी सारी ट्रेन चलती रहती है जो कि आपको कुछ ही घंटों में ऋषिकेश पहुंचा देंगी।

यदि आप ट्रेन से हरिद्वार रेलवे स्टेशन तक आते हैं तो आपको हरिद्वार रेलवे स्टेशन के बाहर से ही ऋषिकेश के लिए शेयर टैक्सी, ऑटो, और बस इत्यादि मिल जाएंगे। इसके अतिरिक्त आप हाल ही में बने योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के लिए भी ट्रेन ले सकते हैं जो कि आपको डायरेक्ट ऋषिकेश पहुंचाएगी।

सड़क मार्ग से ऋषिकेश कैसे जाएं?

भारत के विभिन्न हिस्सों से आप सड़क मार्ग के रास्ते ऋषिकेश आसानी से पहुंच सकते हैं। प्राइवेट व्हीकल या टैक्सी की सहायता से आपको ऋषिकेश तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं आएगी और रास्ते भर आपको बढ़िया सड़क मार्ग मिलेगा। इसके अलावा यदि आप बस से ऋषिकेश पहुंचाना चाहते हैं तो आपको दिल्ली, देहरादून, हरिद्वार जैसे शहरों से डायरेक्ट ऋषिकेश जाने वाली बसों की सुविधा भी मिल जाएगी।

हवाई जहाज से ऋषिकेश कैसे जाएं?

हवाई मार्ग से ऋषिकेश पहुंचने के लिए आपको ऋषिकेश के निकटतम एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून आना होगा। देहरादून एयरपोर्ट से ऋषिकेश मात्र 34 किलोमीटर की दूरी पर रह जाता है जो कि आप देहरादून एयरपोर्ट से टैक्सी लेकर कवर कर सकते हैं और ऋषिकेश तक पहुंच सकते हैं।

ऋषिकेश कैसे घूमे?

वैसे तो ऋषिकेश के बहुत से दर्शनीय स्थल एक दूसरे के पास पास में ही स्थित हैं जिनको घूमने के लिए आप पैदल भी जा सकते हैं। इसके अलावा आप चाहे तो ऋषिकेश घूमने के लिए स्कूटी या बाइक किराए पर भी ले सकते हैं। पूरे ऋषिकेश में आपको काफी सारी दुकानें ऐसी मिलेगी जहां पर आप स्कूटी या बाइक कम से कम ₹500 प्रतिदिन के किराए पर ले सकते हैं जो कि दो लोगों के ऋषिकेश घूमने के लिए पर्याप्त है।

₹500 प्रतिदिन के किराए पर आपको स्कूटी आसानी से मिल जाएगी, परंतु अगर आप कोई दूसरी बाइक रेंट पर लेना चाहते हैं तो अलग-अलग बाइक के हिसाब से अलग-अलग किराया हो सकता है। स्कूटी या बाइक रेंट पर लेने के लिए आपको अपना आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस दिखाने होते हैं और सिक्योरिटी के तौर पर कुछ रुपए जमा करने होते हैं जो कि आपको बाद में वाहन जमा करते समय वापस कर दिए जाते हैं। वाहन किराए पर लेने से पहले उसकी अच्छे से वीडियो बना ले ताकि पहले से ही पता चल सके कि स्कूटी या बाइक में कौन सी चीज पहले से टूटी हुई है या खराब है।

ऋषिकेश में खाने-पीने की व्यवस्था

ऋषिकेश में खाने-पीने के शौकीनों के लिए कोई कमी नहीं है हालांकि यहां आपको सिर्फ और सिर्फ शाकाहारी भोजन ही देखने को मिलेगा। ऋषिकेश में आप नॉर्थ इंडियन, साउथ इंडियन, चाइनीस इत्यादि फूड आइटम्स का आनंद ले सकते हैं। बात करें ऋषिकेश के फेमस फूड रेस्टोरेंट्स की तो The Sitting Elephant, Bistro Nirvana, Chotiwala इत्यादि जगहों पर आप स्वादिष्ट भोजन का आनंद ले सकते हैं। अगर आप स्ट्रीट फूड के शौकीन हैं तो आपको परमार्थ निकेतन आश्रम की तरफ गंगा किनारे कई सारे फूड स्टॉल मिल जाएंगे जहां पर आप गोलगप्पे, मोमोज, चाट पापड़ी, टिक्की, छोले भटूरे, पराठे इत्यादि खाने पीने की चीज़ों का आनंद ले सकते हैं।

ऋषिकेश में रुकने की जगह

ऋषिकेश यात्रा के दौरान निश्चित रूप से आपको ठहरने की व्यवस्था करनी होगी, तो यदि आप ऋषिकेश में रुकने की जगह ढूंढ रहे हैं तो चिंता करने की कोई बात नहीं है क्योंकि ऋषिकेश में आपको ठहरने के लिए कई सारे आश्रम, रिजॉर्ट, होटल और कैंपिंग जैसी सुविधाएं आपके बजट के हिसाब से मिल जायेंगी।

ऋषिकेश में रुकने के लिए गंगा नदी के तट पर स्थित स्वर्ग आश्रम, गीता भवन, परमार्थ निकेतन आश्रम और मधुबन आश्रम जैसे कई प्रसिद्ध आश्रम हैं जहां आपको आपके बजट के अनुसार एसी और नॉन एसी रूम मिल जाएंगे। साथ ही साथ यहां आपको शुद्ध और सात्विक भोजन भी मिल जाएगा। इसके अलावा इन जगहों पर आपको फ्री में भी रहने की व्यवस्था हो जाएगी जिसकी जानकारी के लिए आपको आश्रम के रिसेप्शन पर बात करनी होगी।

गंगा नदी के तट पर बसे होने के कारण यहां के कई होटल और धर्मशालाओं में आपको गंगा नदी के खूबसूरत दृश्य के साथ भी कमरे मिल जाएंगे जो कि आपकी ऋषिकेश यात्रा को और भी सुखद और आनंदमय बना देंगे।

ऋषिकेश का नक्शा

FAQs

Q. ऋषिकेश में कौन सी नदी बहती है?

ऋषिकेश में गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम होता है।

Q. ऋषिकेश से नीलकंठ की चढ़ाई कितनी है?

ऋषिकेश से नीलकंठ पहुंचने के लिए वाहन द्वारा 25 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी और यदि आप पैदल जाते हैं तो 8 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी।

Q. ऋषिकेश में कौन सा मंदिर है?

नीलकंठ महादेव मंदिर

Q. हरिद्वार से ऋषिकेश की दूरी कितनी है?

25 किलोमीटर

आखिर में

इस लेख में हमने आपको ऋषिकेश में घूमने की जगह ( Rishikesh me Ghumne Ki Jagah ) और ऋषिकेश के टूरिस्ट प्लेस के बारे में संपूर्ण जानकारी दी है। हम आशा करते हैं कि आपको इस लेख में ऋषिकेश के बारे में दी गई सभी जानकारी आपकी यात्रा को सरल बनाएगी। यदि अब भी आपके मन में कोई सवाल आता है तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं। इसके अलावा ऋषिकेश टूरिस्ट प्लेस के बारे में लिखे इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें ताकि उनकी भी सहायता हो सके।

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *