25+ जयपुर में घूमने की जगह और टूरिस्ट प्लेस

Table of Contents

जय हिंद दोस्तों मैं हूं चेतन साहू और आज मैं आपको “गुलाबी शहर” के नाम से प्रसिद्ध जयपुर के बारे में जानकारी देने वाला हूं। क्षेत्रफल के हिसाब से भारत के सबसे बड़े राज्य की राजधानी जयपुर अपनी प्राचीन इमारतों, किलों, खूबसूरत महलों, स्वादिष्ट घेवर, दाल बाटी चूरमा और अपनी संस्कृति की वजह से प्रति वर्ष लाखों पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। जयपुर राजस्थान का सबसे बड़ा शहर होने के साथ-साथ, राजस्थान की सबसे अधिक आबादी वाला शहर भी है जहां पर आपको सफर के दौरान ऐतिहासिक इमारतों, खूबसूरत मंदिरों व अन्य दर्शनीय स्थलों को देखने का मौका मिलेगा।

दोस्तों यदि आप जयपुर घूमने का प्लान कर रहे हैं तो आज के इस आर्टिकल की सहायता से आपको जयपुर के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी मिलने वाली है। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जयपुर में घूमने वाली जगह ( Jaipur me Ghumne Ki Jagah ) के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Jaipur me Ghumne Ki Jagah

जयपुर में घूमने की जगह और टूरिस्ट प्लेस | Jaipur me Ghumne Ki Jagah

दोस्तों राजस्थान की राजधानी जयपुर में लोकप्रिय पर्यटन स्थलों की कोई कमी नहीं है। यहां आपको झील, नदी, वाटरफॉल, प्राचीन इमारतें, मंदिर, पार्क इत्यादि जैसे कई आकर्षण देखने को मिलेंगे जहां घूमकर आप अपनी जयपुर यात्रा का आनंद ले सकते हैं।

आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको जयपुर के उन सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बताएंगे जो लोगों द्वारा काफी पसंद किए जाते हैं। चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं जयपुर में घूमने की जगह के बारे में।

#1. हवा महल ( Hawa Mahal )

Jaipur me Ghumne Ki Jagah

हवा महल जयपुर के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है जिसका निर्माण महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा 1719 में करवाया गया था। पौराणिक काल में राजवंश की महारानीओं और राजकुमारियों को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं हुआ करती थी और विशेष मौकों पर निकलने वाले जुलूसों को महारानीओ और राजकुमारियों द्वारा आसानी से देखा जा सके इसलिए इस महल को बनवाया गया था।

हवा महल में कुल 953 छोटी एवं बड़ी खिड़कियां बनी हुई है जिस वजह से महल की रानियों और राजकुमारियों को खिड़कियों से आती हुई ठंडी हवाओं को अनुभव करते हुए आसपास के क्षेत्रों में होने वाली गतिविधियों पर नजर रखने में आसानी होती थी। हवामहल एक पांच मंजिला भव्य इमारत है जो कि बिना किसी नीव के बनाई गई है जिस वजह से यह दुनिया की सबसे बड़ी और बिना नीव के बनाई गई इमारतों की सूची में शामिल है।

हवा महल की भव्यता की वजह से प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक यहां घूमने आते हैं और यह सिर्फ जयपुर ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। तो यदि आप जयपुर जा रहे हैं तो हवामहल को अपनी जयपुर के पर्यटन स्थलों की लिस्ट में जरूर शामिल करें।

#2. सिटी पैलेस जयपुर ( City Palace, Jaipur )

Jaipur me Ghumne Ki Jagah

जयपुर का सिटी पैलेस एक बेहद ही बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जहां पर प्रतिवर्ष लाखों सैलानियों की भीड़ लगी रहती है। इस महल में घूम कर आप पहले के समय में राजा महाराजाओं के जीवन और उनकी दिनचर्या के बारे में करीब से जान सकते हैं।

इसके अलावा यदि आप वास्तुकला, इतिहास और फोटोग्राफी में रुचि रखते हैं तो आपको जयपुर के इस सिटी पैलेस में जरूर जाना चाहिए। फोटोग्राफी के नजरिए से देखा जाए तो यहां आप अपनी अत्यंत ही खूबसूरत और अच्छी-अच्छी फोटो खींच पाएंगे। इस महल की खूबसूरती को देखकर आप पूरे जयपुर की खूबसूरती का अंदाजा लगा सकते हैं और अपनी इस यात्रा के इन खूबसूरत पलों को अपनी यादों में समेट सकते हैं।

जयपुर के इस सिटी पैलेस में सवाई मानसिंह के वंशज आज भी यहीं पर रहते हैं और यहां पर पर्यटकों के घूमने के लिए चंद्र महल, महारानी महल, मुबारक महल इत्यादि जैसी कई खूबसूरत जगह है। तो अपनी जयपुर यात्रा के दौरान सिटी पैलेस को अपनी लिस्ट में जरूर शामिल करें।

#3. जंतर मंतर जयपुर ( Jantar Mantar Jaipur )

Jaipur me Ghumne Ki Jagah

सिटी पैलेस घूमने के बाद आप 100 मीटर की दूरी पर स्थित जयपुर के जंतर मंतर भी अवश्य जाएं जहां आपको प्राचीन काल में समय, ग्रह और नक्षत्रों को देखने की प्राचीन तकनीक के बारे में जानकारी मिलेगी। जंतर मंतर का निर्माण महाराजा सवाई जयसिंह द्वारा 1727 से लेकर 1733 में करवाया गया था। महाराजा सवाई जयसिंह ने जयपुर के अलावा दिल्ली, वाराणसी, उज्जैन और मथुरा में भी जंतर मंतर का निर्माण करवाया था ताकि प्राचीन काल में ज्योतिषीय व खगोलीय घटनाओं की भविष्यवाणी करने में आसानी रहे।

प्राचीन काल में भी इतनी आधुनिक जानकारी देने वाली इस जगह को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल में स्थान दिया गया है। जंतर मंतर के निर्माण में बेहद ही अच्छी क्वालिटी के संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है और यहां आपको बेहद ही खूबसूरत और बेहतरीन नक्काशी देखने को मिलेगी, तो यदि आप विज्ञान में अधिक रूचि रखते हैं तो आपको जंतर-मंतर जरूर विजिट करना चाहिए।

#4. जल महल ( Jal Mahal )

Jaipur me Ghumne Ki Jagah

यदि आप शांत और सुकून भरे वातावरण में पहाड़ों का खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य देखते हुए और पक्षियों की चहचहाहट को अनुभव करते हुए कुछ समय बिताना चाहते हैं तो आपको जयपुर के इस प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जल महल को देखने जरूर जाना चाहिए। जयपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन से 10 किलोमीटर की दूरी पर और आमेर रोड पर स्थित यह जल महल, महाराजा सवाई जयसिंह द्वारा मानसागर झील के बीचो बीच बनवाया गया था।

महाराजा सवाई जयसिंह ने पहले जयपुर की जलापूर्ति हेतु गर्भावती नदी पर बांध बनवाकर मानसागर झील का निर्माण करवाया और फिर इस खूबसूरत 5 मंजिला महल को बनवाया जिसकी चार मंजिल हमेशा पानी में ही डूबी रहती है और सिर्फ एक ही मंजिल दिखाई पड़ती है। महाराजा सवाई जयसिंह ने इस महल का निर्माण राजसी उत्सवों और खूबसूरत प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट के बीच अपनी रानी के साथ खास वक्त बिताने के लिए करवाया था।

प्रतिवर्ष मकर संक्रांति के समय मानसागर झील के पास पतंग फेस्टिवल भी मनाया जाता है जिसमें दूर-दूर से आए लोग पतंग उड़ाने की प्रतियोगिता में भाग लेते हैं। तो यदि आप भी खूबसूरत प्रवासी पक्षियों की झलक देखते हुए अद्भुत शांति का एहसास करना चाहते हैं और अपनी जयपुर यात्रा को यादगार बनाना चाहते हैं तो जयपुर के इस प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर अवश्य पधारें।

#5. जयगढ़ किला ( Jaigarh Fort )

Jaipur me Ghumne Ki Jagah

जयगढ़ किला का मतलब है “जीत का किला” जिसका निर्माण राजा जयसिंह द्वितीय द्वारा आमेर दुर्ग और महल परिसर की सुरक्षा के लिए करवाया गया था। 3 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए इस किले का निर्माण 1667 में शुरू हुआ और सन् 1726 तक जयगढ़ किले का विस्तार जयपुर शहर की सीमा तक हो गया।

जैसा कि हमने आपको बताया राजा जयसिंह द्वितीय द्वारा इस किले का निर्माण आमेर दुर्ग और महल परिसर की सुरक्षा के लिए करवाया गया था और इसी वजह से इस किले में आपको विश्व की सबसे बड़ी तोप देखने को मिलेगी, साथ ही साथ यहां पर आपको कई अन्य हथियार भी देखने को मिलेंगे। जयगढ़ किला, आमेर और नाहरगढ़ किलों के पास ही स्थित है और जयगढ़ किले के अंदर से आमेर किले तक एक भूमिगत मार्ग भी जाता है।

तो यदि आप प्राचीन हथियारों को देखने के शौकीन है तो आपको जयपुर के इस प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर जरूर जाना चाहिए। यहां से आपको पूरे गुलाबी शहर जयपुर का काफी खूबसूरत दृश्य भी देखने को मिलेगा।

#6. अंबेर किला व महल ( Amber Palace )

Jaipur me Ghumne Ki Jagah

जयपुर जंक्शन से मात्र 13 किलोमीटर की दूरी पर अरावली पर्वत पर स्थित, आमेर दुर्ग जिसको आमेर का किला या अंबेर का किला के नाम से भी जाना जाता है। राजा मानसिंह प्रथम द्वारा बनवाए गए इस किले के निर्माण में लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है। आमेर किला का मुख्य आकर्षण है शीश महल जिसकी सुरक्षा और दुश्मनों के हमलों से बचने के लिए किले की दीवारों को काफी ऊंचा बनाया गया है।

यदि आपको फोटोग्राफी का काफी शौक है तो इस जगह पर आपको निश्चित रूप से काफी आनंद आने वाला है क्योंकि यहां से सूर्योदय व सूर्यास्त के दृश्य काफी अद्भुत होते हैं, साथ ही साथ किले से आपको मावठा झील का अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगा जिस वजह से यहां पर खींची गई फोटोस की सुंदरता में चार चांद लग जाएंगे।

आमेर दुर्ग के अंदर स्थित शीश महल की सुंदरता प्रतिवर्ष लाखों पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। इस महल की दीवारों और छतों पर शीशे का बहुत बारीक कार्य हुआ है जिस वजह से रात के समय लाइट शुरू होने पर यह महल तारों की तरह जगमगा उठता है। साथ ही साथ इस किले के अंदर एक खूबसूरत गार्डन और सुख मंदिर भी है जहां आपको जरूर जाना चाहिए।

#7. नाहरगढ़ किला ( Nahargarh Fort Jaipur )

Jaipur me Ghumne Ki Jagah

नाहरगढ़ किला, जयपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक होने के साथ-साथ लोगों के बीच पिकनिक स्पॉट के तौर पर भी काफी ज्यादा लोकप्रिय है। यहां प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक दूर-दूर से घूमने आते हैं और अपने परिवार के साथ पिकनिक का आनंद लेते हैं। नाहरगढ़ किले का निर्माण आमेर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राजा जयसिंह द्वितीय द्वारा सन 1734 में करवाया गया था।

यह किला जयपुर राजस्थान के शानदार और समृद्ध इतिहास को दर्शाता है और यदि आप यहां पर घूमने आ रहे हैं तो आपको यहां पर निश्चित रूप से काफी आनंद आने वाला है। इस किले से आप पूरे जयपुर और आमेर शहर का खूबसूरत दृश्य, किले में मौजूद रेस्टोरेंट का टेस्टी फूड एंजॉय करते हुए देख सकते हैं। इन सबके अलावा यहां एक वैक्स म्यूजियम भी है जहां पर आप घूम सकते हैं।

#8. सिसोदिया रानी का बाग ( Sisodia Rani ka Bagh )

Jaipur me Ghumne Ki Jagah

जयपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह सिसोदिया रानी का बाग, जयपुर का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जिसका निर्माण सन 1728 में महाराजा जयसिंह द्वितीय द्वारा करवाया गया था। यदि आप अपने परिवार और बच्चों के साथ जयपुर में कुछ शांत पल गुजारने का सोच रहे हैं तो इस गार्डन का हरा भरा वातावरण और खूबसूरत पानी के फव्वारों के दृश्य आपके मन को मोह लेने और आपकी जयपुर यात्रा को यादगार बनाने के लिए काफी है।

#9. जयपुर चिड़ियाघर ( Jaipur Zoo )

यदि आप वन्य जीवन और पशु पक्षियों को देखने के शौकीन हैं तो आप अपनी जयपुर यात्रा के दौरान जयपुर चिड़ियाघर जाना ना भूलें, जिसका निर्माण महाराजा सवाई राम सिंह द्वितीय द्वारा 1876 में करवाया गया था। अल्बर्ट हॉल संग्रहालय और राम निवास गार्डन के पास स्थित इस चिड़ियाघर में आपको विभिन्न प्रकार के पक्षियों और जानवरों की लगभग 50 प्रजातियां देखने को मिलेंगी और निश्चित रूप से आप यहां पर अपने बच्चों के साथ काफी इंजॉय करेंगे।

इस चिड़ियाघर में भारत के चौथे सबसे बड़े प्रजनन फॉर्म यानी की घड़ियाल प्रजनन फॉर्म की स्थापना 1999 में की गई थी। चिड़ियाघर के साथ-साथ आप यहां पर एक संग्रहालय में भी घूम सकते हैं और यहां पर भारतीयों के लिए ₹15 प्रति व्यक्ति और विदेशी पर्यटकों के लिए ₹150 प्रति व्यक्ति की एंट्री फीस लगती है।

#10. अमर जवान ज्योति ( Amar Jawan Jyoti )

यदि आप हमारे देश के लिए शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देना चाहते हैं तो आपको जयपुर के अमर जवान ज्योति जरूर विजिट करना चाहिए। अमर जवान ज्योति का निर्माण सन 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में किया गया था जिसकी स्थापना उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा की गई थी।

शाम के वक्त रोशनी से जगमगाती अमर जवान ज्योति काफी सारे पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है और हमारे देश के लिए शहीद हुए सैनिकों की बहादुरी को दर्शाती है। हमारे शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए आपसे यहां पर किसी भी प्रकार की एंट्री फीस नहीं ली जाएगी और यह जगह पर्यटकों के लिए प्रतिदिन सुबह 7:00 बजे से लेकर रात 9:00 बजे तक खुली रहती है।

#11. रामनिवास बाग ( Ramniwas Bagh )

रामनिवास बाग जयपुर के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है जो कि 30 एकड़ के विशाल भूभाग में फैला हुआ है। इसका निर्माण महाराजा सवाई राम सिंह जी द्वारा सन 1868 में करवाया गया था जहां पर आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ यहां के शांत वातावरण में सुकून के कुछ पल बिता सकते हैं।

पर्यटकों के बीच यह जगह पिकनिक स्पॉट के तौर पर काफी देखी जाती है और यहां आपको ब्रिटिश काल के दौरान रॉयल जीवनशैली को देखने का मौका मिलेगा। तो आप अपनी जयपुर यात्रा के दौरान इस जगह पर जाना बिल्कुल ना भूलें।

#12. विद्याधर बाग ( Vidyadhar Bagh )

जयपुर में घूमने वाली जगहों में से एक विद्याधर बाग का निर्माण सन 1988 में जयपुर के बंगाली आर्किटेक्चर विद्याधर भट्टाचार्या की याद में करवाया गया था। विद्याधर बाग जयपुर के पश्चिमी पहाड़ियों के बीच आगरा रोड पर स्थित है जहां से सूर्यास्त का बेहद ही आकर्षक दृश्य देखने को मिलता है जिसकी वजह से यह पर्यटकों के बीच एक आकर्षण का केंद्र है।

महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय के शासनकाल के दौरान विद्याधर एक बंगाली ब्राह्मण हुआ करते थे जो कि बेहद ही होनहार और कई विधाओं के ज्ञाता थे। एक विशाल मैदान में फैले हुए इस बाग में खूबसूरत झीलें, कई फव्वारे और अलग-अलग प्रकार के खूबसूरत फूल देखने को मिलते हैं जिनकी वजह से कई पर्यटक इस बाग की तरफ आकर्षित होते हैं। तो आप भी अपने परिवार के साथ इस जगह पर कुछ यादगार पल बिता सकते हैं।

#13. पन्ना मीना का कुंड ( Panna Meena ka Kund )

Jaipur me Ghumne Ki Jagah

पन्ना मीना का कुंड राजस्थान के आमेर किले के पास स्थित है। यह बावड़ी सोलहवीं शताब्दी के आस पास निर्मित की गई थी जो पानी को एकत्रित करने के उद्देश्य से बनाई गई थी। यहाँ के लोग पीने के लिए इसी कुंड से पानी लाते थे।

पन्ना मीना का कुंड बेहद ही आकर्षक और इतिहास से भरपूर है। इस कुंड का आकार बड़ा होने के साथ साथ इसकी गहराई भी अधिक है। यह बावड़ी पुराने दौर की शानदार वास्तुकला का उदाहरण है जो राजस्थान की परंपराओं को दर्शाता है। आमेर के राजमहलों से थोड़ी ही दूरी पर स्थित इस कुंड की विशेषताएं, इसके अद्भुत आकार की सीढ़ियों, अष्टभुजा किनारों और बरामदों से मिलती है। इसके चारों किनारों पर छोटी-छोटी छतरियां और लघु देवालय बने हुए हैं जो इसे और भी मनोहारी बनाते हैं।

इस कुंड का नाम महाराजा जय सिंह के शासनकाल के दौरान सेवा करने वाले व्यक्ति पन्ना मीना के नाम पर पड़ा है। यह एक प्राचीन बावड़ी है, लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि इसकी स्थिति बदहाल होती जा रही है। पुरातत्व विभाग की अनदेखी के चलते कुंड के भीतर कई जगहों पर दीवारों से प्लास्टर टूट रहा है। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान में 16 प्राचीन बावड़ियों पर डाक टिकट जारी किए हैं। जयपुर की पन्ना मीणा की बावड़ी उनमें से एक है। यह एक प्राचीन बावड़ी है और इसे संरक्षित रखना बहुत जरूरी है।

यह एक ऐसी जगह है जहां आप शानदार वास्तुकला का आनंद ले सकते हैं। यहां की सीढ़ियों के ज़िगज़ैग ज्यामितीय पैटर्न और पहाड़ों के शानदार दृश्य को देखते हुए बहुत से लोग इस जगह का दौरा करते हैं। गर्मी के दिनों में जब सूरज तपता है तब इस जगह की यात्रा करना एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है। लोग कुंड में गोता लगाते हुए देखने को मिलते हैं जो कि एक अनोखा अनुभव होता है। इसके अलावा यहां से आप शानदार आमेर क़िले और महल का भी नजारा देख सकते हैं।

#14. कनक वृंदावन पार्क ( Kanak Vrindavan Park )

यदि आप जयपुर के प्रसिद्ध नाहरगढ़ दुर्ग घूमने जाते हैं तो निश्चित रूप से आपको कनक वृंदावन पार्क भी जरूर घूमना चाहिए जो कि नाहरगढ़ दुर्ग के नीचे बना हुआ है। कनक वृंदावन उद्यान जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है जहां प्रतिदिन सैलानियों की भीड़ उमड़ी रहती है। इस उद्यान का निर्माण कार्य जयपुर के कछवाहा राजपूत महाराजा सवाई जयसिंह द्वारा लगभग 280 वर्ष पहले करवाया गया था। कनक वृंदावन पार्क के पास हरे भरे वन क्षेत्र की हरियाली आपको प्रकृति के नजदीक होने का एहसास करवाएगी और आपको अत्यंत ही सुकून की अनुभूति होगी।

इसके अतिरिक्त कनक वृंदावन उद्यान के पास में ही अन्य दर्शनीय स्थल भी देखने को मिल जाते हैं जैसे कि आमेर दुर्ग, जयगढ़ दुर्ग, नाहरगढ़ दुर्ग। इस उद्यान को घूमने के बाद आप इन जगहों पर भी कुछ समय व्यतीत कर सकते हैं।

इस उद्यान की वास्तुकला राजपूत और मुगल संस्कृति से प्रेरित है। भव्य गंतव्य को 8 खंडों में विभाजित किया गया है, प्रत्येक खंड स्थापत्य सौंदर्य का प्रतीक है। यह बहुत लोकप्रिय गोविंद देवजी मंदिर का घर भी है। इस उद्यान के नाम में कनक शब्द महाराजा की एक रानी कनकदे के नाम से आया है एवं परिसर में स्थित गोविंददेव जी की मूर्ति वृंदावन से आने के कारण वृंदावन शब्द को नाम में जोड़ा गया है। तो निश्चित रूप से यह जगह आपकी जयपुर यात्रा को और भी ज्यादा यादगार बनाएगी।

#15. मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर ( Moti Dungri Ganesh Ji Temple )

जयपुर में घूमने वाली जगहों की सूची में मोती डूंगरी गणेश जी का मंदिर भी एक ऐसी जगह है जहां भगवान श्री गणेश जी के भक्तों और पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। भगवान श्री गणेश जी को समर्पित यह मंदिर सन् 1761 में सेठ जलाल पालीवाल द्वारा बनवाया गया था और आज यह मंदिर पर्यटकों के बीच जयपुर के प्रमुख टूरिस्ट प्लेसेस में से एक है। मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर की भव्यता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि गणेश चतुर्थी के दिन यहां हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है।

इस मंदिर में गणेश जी की मूर्ति के साथ उनकी दोनों पत्नियां रिद्धि सिद्धि भी विराजमान है। सन् 1761 में मंदिर के निर्माण के बाद मावली से लाई गई 500 वर्ष पुरानी गणेश जी की प्रतिमा को यहां पर पुनः स्थापित किया गया जिस वजह से यह मंदिर हिंदुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। यदि आप अपनी जयपुर यात्रा के दौरान मोती डूंगरी गणेश जी के मंदिर में जाकर भगवान श्री गणेश का आशीर्वाद लेते हैं तो निश्चित रूप से आपकी यात्रा सफल रहेगी।

#16. जवाहर कला केंद्र ( Jawahar Kala Kendra )

Jaipur me Ghumne Ki Jagah

राजस्थान सरकार द्वारा संचालित जवाहर कला केंद्र जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है जिसका निर्माण सन 1993 में किया गया था। जयपुर की संस्कृति को दर्शाती, जवाहर कला केंद्र में राजस्थान की समृद्ध कला एवं शिल्प को संरक्षित रखा गया है। इस कला केंद्र का डिजाइन एवं स्थापत्यकला चार्ल्स कोरिया द्वारा किया गया था एवं इसका नाम देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर रखा गया था। यहां प्रतिदिन भारी मात्रा में पर्यटक घूमने आते हैं जिस वजह से यह जगह जयपुर के प्रमुख आकर्षणों में से एक बन गई है। यदि आप जयपुर यात्रा पर जा रहे हैं तो जवाहर कला केंद्र आप की सूची में जरूर शामिल होनी चाहिए।

#17. खोले के हनुमान जी मंदिर ( Khole Ke Hanuman Ji Temple )

Jaipur me Ghumne Ki Jagah

जयपुर में स्थित खोले के हनुमान जी मंदिर एक बेहद ही प्रसिद्ध मंदिर है जो कि जयपुर के रामगढ़ मोड़ के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 से लगभग 2 किलोमीटर अंदर स्थित है। यह एक तीन मंजिला प्राचीन मंदिर है जो कि प्राचीन दुर्ग शैली से बना हुआ है। इस मंदिर का भव्य द्वार राजमार्ग पर बना हुआ है तथा मंदिर में भगवान हनुमान जी की मूर्ति लेटी हुई अवस्था में उपस्थित है।

ऐसा माना जाता है कि 60 के दशक में राधेलाल चौबे नामक ब्राह्मण ने इस मंदिर की खोज की थी। उस समय इस निर्जन स्थान पर कोई भी व्यक्ति आता जाता नहीं था और तब इस ब्राह्मण ने यहां पहुंचकर इस मंदिर की खोज की। ब्राह्मण ने यहां भगवान हनुमान जी की लेटी हुई विशाल मूर्ति देखी और फिर मरते दम तक उस ब्राह्मण ने यहां हनुमान जी की पूजा की। जब यह स्थान निर्जन था तब पहाड़ों की खोह से यहां बरसात का पानी खोले के रूप में बहता था जिस वजह से इस मंदिर का नाम खोले के हनुमान जी पड़ा।

#18. सेंट्रल पार्क ( Central Park )

जयपुर के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक सेंट्रल पार्क जयपुर का सबसे बड़ा पार्क है जिसका निर्माण जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा करवाया गया है। इस पार्क का मुख्य आकर्षण यहां स्थित भारत का सबसे ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज है जो कि 206 फीट ऊंचा है। यहां आपको सभी उम्र के लोग यहां के शांत और खूबसूरत वातावरण का आनंद लेते हुए मिल जाएंगे, तो निश्चित रूप से आप इस जगह पर अपने परिवार के साथ कुछ सुखमय पल बिता सकते हैं।

जयपुर के हृदय में लगभग 5 किलोमीटर की दूरी में फैला यह पार्क अपनी प्राकृतिक खूबसूरती व हरियाली से भरपूर दृश्यों के लिए काफी प्रसिद्ध है, जहां आपको अनेकों प्रकार के पक्षी देखने को मिलेंगे, साथ ही साथ यहां आपको कई विलुप्त पक्षियों की प्रजाति भी देखने को मिलेंगी और उनकी चहचहाट से यहां का वातावरण आनंद में हो जाता है। तो यदि आप अपनी जयपुर यात्रा के दौरान इस जगह पर कुछ समय आराम करके अपनी थकान मिटाना चाहते हैं तो निश्चित रूप से आपको अपने परिवार के साथ जयपुर के सेंट्रल पार्क आना चाहिए।

#19. त्रिपोलिया गेट ( Tripolia Gate )

Jaipur me Ghumne Ki Jagah

जयपुर की शान माना जाने वाला यह त्रिपोलिया गेट का निर्माण 1734 में महाराजा सवाई जयसिंह द्वारा करवाया गया था। जयपुर में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो राजपूत व मुगल वास्तुशिल्प शैली से बने इस विशाल द्वार को देखने से वंचित रहा हो। इतिहासकार बताते हैं कि शहर में सिटी पैलेस के निर्माण के साथ ही त्रिपोलिया गेट का भी निर्माण हुआ था। एक जमाने में सिटी पैलेस में शहर की दक्षिणी दिशा से आने वालों के लिए यह एकमात्र रास्ता हुआ करता था, बाद में महाराजा सवाई राम सिंह ने इसके पास आतिश का बाजार बनवाकर तीन नए दरवाजे और बनवाए जिन्हें आतिश का पुराना, आतिश का नया और हवा महल का दरवाजा कहा जाता है।

जयपुर में त्रिपोलिया बाजार बेहद प्रसिद्ध है जिसका नाम इस त्रिपोलिया गेट पर ही रखा गया है। त्रिपोलिया बाजार पीतल के बर्तनों, कालीन एवं लोहे के बर्तनों के लिए बेहद लोकप्रिय है। तो जयपुर यात्रा के दौरान इस जगह पर घूमना आपके लिए निश्चित रूप से यादगार साबित हो सकता है।

#20. श्री गढ़ गणेश जी मंदिर ( Shri Garh Ganesh Ji Temple )

राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर अरावली पहाड़ी पर स्थित श्री गढ़ गणेश जी मंदिर जयपुर के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। आपने देश भर में अनेकों भगवान श्री गणेश जी के मंदिर देखे होंगे जिनमें भगवान श्री गणेश की सूड रूपी मूर्ति की पूजा की जाती है, लेकिन गढ़ गणेश जी मंदिर एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान श्री गणेश की बिना सूड वाली मूर्ति की पूजा होती है।

इस मंदिर में भगवान श्री गणेश की बाल रूप की मूर्ति की पूजा होती है जब भगवान श्री गणेश की सूंड नहीं हुआ करती थी। इस मंदिर की स्थापना महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा की गई थी आर इस मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को लगभग 365 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं जो कि किसी भी व्यक्ति को अत्यधिक थकाने के लिए काफी हैं। यदि आप जयपुर यात्रा के दौरान भगवान श्री गणेश के बाल रूप में दर्शन करना चाहते हैं तो आप गढ़ गणेश जी मंदिर अवश्य जाएं।

जयपुर कब जाना चाहिए?

मौसम के हिसाब से देखा जाए तो सितंबर से लेकर मार्च का समय जयपुर जाने के लिए एकदम सही है क्योंकि इस समय गर्मियां नहीं होती हैं और ठंडे मौसम में आप अपनी जयपुर यात्रा को खूब इंजॉय करेंगे।

इसके अतिरिक्त अप्रैल से लेकर अगस्त का समय जयपुर घूमने के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है क्योंकि इन दिनों तेज धूप, गर्मी और बरसात आपकी यात्रा में बाधा डाल सकती हैं।

जयपुर कैसे जाएं?

दोस्तों राजस्थान की राजधानी जयपुर भारत के सभी छोटे बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है जहां आप रेल, सड़क और हवाई मार्ग के रास्ते आसानी से पहुंच सकते हैं।

ट्रेन से जयपुर कैसे पहुंचे?

दोस्तों ट्रेन का सफर आमतौर पर सबसे आरामदायक और सुखद सफर माना जाता है तो यदि आप ट्रेन से जयपुर जाने का सोच रहे हैं तो आपको भारत के अधिकांश प्रमुख शहर जैसे कि दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, हैदराबाद, कोलकाता, वाराणसी इत्यादि जगहों से जयपुर के लिए कई सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन, शताब्दी और राजधानी ट्रेन मिल जाएंगी जो कि आपको बिना किसी परेशानी के जयपुर तक पहुंचा देंगी। जयपुर पहुंचने के बाद रेलवे स्टेशन के बाहर से ही आपको टैक्सी या ऑटो रिक्शा इत्यादि मिल जाएंगे जिनकी सहायता से आप अपनी मनचाही जगह तक पहुंच सकते हैं।

बस से जयपुर कैसे पहुंचे?

बस से जयपुर पहुंचने के लिए आपको दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, उदयपुर, अजमेर, कोटा जैसे शहरों से नियमित समय से चलने वाली बस लेनी होगी जिसमें आप साधारण से किराए में जयपुर पहुंच जाएंगे। राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें भारत के अधिकांश शहरों से चलती हैं और यात्रियों को जयपुर तक पहुंचाती हैं।

फ्लाइट से जयपुर कैसे पहुंचे?

फ्लाइट से जयपुर पहुंचने के लिए आपको जयपुर से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सांगानेर एयरपोर्ट पहुंचना होगा जहां से आप टैक्सी या कैब लेकर मात्र आधे घंटे में जयपुर शहर तक पहुंच सकते हैं।

पूरा जयपुर कैसे घूमे?

जयपुर में राजस्थान सरकार द्वारा संचालित लोकल बस की सुविधा उपलब्ध है तो आप बहुत ही कम पैसों के खर्च पर जयपुर की अलग-अलग जगहों पर बस की सहायता से घूम सकते हैं। हालांकि बस से जयपुर घूमने में आपको थोड़ा एक्स्ट्रा समय देना होगा क्योंकि आमतौर पर आपको बस स्टैंड पर कुछ देर खड़े होकर बस का इंतजार करना पड़ेगा। इसके अलावा आप जयपुर में कैब आदि भी बुक कर सकते हैं जो कि आपको पूरे जयपुर की टूरिस्ट प्लेस पर घुमाएगी, लेकिन इसमें आपके थोड़े अधिक पैसे खर्च होंगे।

जयपुर का प्रसिद्ध भोजन

वैसे तो आपको जयपुर में भारत के लगभग सभी तरह के भोजन बड़ी आसानी से मिल जाएंगे, लेकिन बात करें जयपुर के प्रसिद्ध भोजन की तो यहां पर दाल बाटी और चूरमा बेहद प्रसिद्ध है। इसके अलावा आप जयपुर की प्रसिद्ध मिठाइयां जैसे कि घेवर, इमरती, हलवा और गजक इत्यादि का लुत्फ उठा सकते हैं।

जयपुर का नक्शा

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *